शिक्षा पर संवाद—राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर गाँवों में जागी नई सोच
— National Education Day Celebration | Community Engagement Story
इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा दिवस SEEKH–SRIJAN कार्यक्रमों के लिए सिर्फ एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि शिक्षा पर गहरे सामुदायिक संवाद का अवसर बन गया। गाँव–गाँव में आयोजित विशेष सत्रों ने अभिभावकों, समुदाय और स्थानीय नेतृत्व को बच्चों की शिक्षा पर गंभीरता से बात करने का मंच दिया।
पूरे क्षेत्र में 217 शिक्षा-संवाद सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 2000 से अधिक अभिभावक और समुदाय सदस्य शामिल हुए।
इन बैठकों में ABG Support Group और Village Education Committee (VLEC) के सदस्यों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हुए यह चर्चा की कि— बैठकों में समुदाय ने बच्चों की शिक्षा से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की—वे क्यों अनियमित रहते हैं, पढ़ाई में कौन-सी रुकावटें आती हैं, घर पर सीखने का माहौल कैसे बनाया जाए, डिजिटल व अकादमिक सहयोग कैसे मजबूत हो, और बच्चों की शिक्षा को सुरक्षित रखने में समुदाय की भूमिकाएँ क्या हो सकती हैं।
कई गाँवों में पहली बार माता–पिता ने खुले तौर पर अपनी चुनौतियाँ साझा कीं—कुछ बच्चों को काम पर भेजने की मजबूरी, कुछ के पास पढ़ने की जगह का अभाव, तो कहीं तर्कशक्ति व भाषा सीखने में कठिनाइयों की बात।
इन बातचीतों ने ABG समूहों और VLEC को बच्चों की शिक्षा में सक्रिय भागीदारी का वास्तविक महत्व समझाया।
कई समितियों ने तुरंत कार्य योजनाएँ बनाईं— कहीं घर-घर मोहल्ला कक्षा तय हुई, कहीं सामुदायिक अध्ययन स्थल बनाया गया, तो कहीं अभिभावक समूह ने बच्चों की उपस्थिति सुधारने की जिम्मेदारी ली।
सबसे बड़ी बात—इन संवादों ने बच्चों के लिए शिक्षा कोसाझी जिम्मेदारी बना दिया।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर बना यह वातावरण इस बात का प्रमाण है कि जब समुदाय खुद शिक्षा पर बात करता है,
तो बदलाव सिर्फ चर्चा नहीं रहता—एक सामूहिक संकल्प बन जाता है।










